कशमकश में रात भर नींद नहीं आई,
तेरी नज़रों से मेरे नज़रें झुक नहीं पाई,
तुम जो होती साथ मेरे , बीत जाता ये समा
तुम नहीं तो मेरी ये राहे कट नहीं पाई,
जब न देखू मैं तुझको चैन नहीं आये,
और देख के तुझको ये मन मेरा भर नहीं पाये,
कशमकश में रात भर नींद नहीं आई,
तेरी नज़रों से मेरे नज़रें झुक नहीं पाई,
तुम जो होती साथ मेरे , बीत जाता ये समा
तुम नहीं तो मेरी ये राहे कट नहीं पाई,
जब न देखू मैं तुझको चैन नहीं आये,
और देख के तुझको ये मन मेरा भर नहीं पाये,
कशमकश में रात भर नींद नहीं आई,
No comments:
Post a Comment