नन्ही सी आशाओ को रोक सके न कोई,
जो रोक पाए उसे, तो ज़िन्दगी भर रोई,
संवार लो अभी,है जब तक गीली मिटटी की लोई,
बदल लो आभी उसे,है वो नयी सुबह की भोई ...
जो रोक पाए उसे, तो ज़िन्दगी भर रोई,
संवार लो अभी,है जब तक गीली मिटटी की लोई,
बदल लो आभी उसे,है वो नयी सुबह की भोई ...
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