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of shayari - Rahul Goswami v/s Quasim Khety
गोस्वामी राहुल:
मुझको ही ठोकर मार के गए है मेरे अज़ीज़,
जिस जिस को कभी संभाला था गिरने पर मैने,
वो मेरी उदासी मे कैसे उतर पाते कभी,
जिसे अपनी हँसी मे भी ढुंढ ना पाया मै,
Quasim Khety:
दिल से दर्द आज बाहर आया है,
दोस्त इस अज़ीज़ ने सलाम पहुचाया है,
तेरी शायरी मे भी दम है, और जज़्बा है आला,
मालिक जल्दी बनाये तुझे किसी का घरवाला,
गोस्वामी राहुल:
वो मेरी शराफत का मुझे क्या सिला देगी,
बस मेरी आबरु को मिट्टी में मिला देगी,
खुद ही छुडाकर जायेगी मेरी ज़ींदगी से बाहर,
फिर बेवफाई के इल्ज़ाम से मेरा दिल हिला देगी,
Quasim
Khety:
अपने अश्को की किश्तो से उस्की बेवफाई का कर्ज़ चुका देंगे,
अपनी धडकन की तडप से इस ज़माने को हिला देंगे,
जिस इश्क़ को छोड वो हमे तड़प्ता छोड गये,
उस तड़प को अब अपने लहू से मिटा देंगे,
गोस्वामी राहुल:
अश्को की कीमत को समझ, यूँ जाया ना कर,
धडकनों को तसल्ली यूँ डराया ना कर,
इश्क की तड़प ने रुलाया हमें भी बहुत है,
मेरी तरह लहू संजौ के रख, यूँ बहाया ना कर
Quasim Khety
मेरे भाई इश्क की यही फ़ितरत है,
हमें रुलाना ही इसकी हसरत है,
इश्क ने हम दोनों का अश्क बहाया है,
धड़कन बढाकर हमें रुलाकर, वो तन्हा छोड़ गयी,
काश मेरे अश्को को कीमत समझ गयी होती...
गोस्वामी राहुल:
हमें रुला सके, इश्क
की फितरत में कहाँ इतना दम है,
ये तो बस मेरी सादगी और दीवांगी का करम
है,
जो मेरी चारदीवारी से गया वो भी कहाँ
ख़ुशी से निकला,
वो मुझसे बिछड़ के मज़े में है, ये
ज़माने का भरम है,
और अश्को की कीमत को समझना सबके वश में
नहीं होता,
हाँ वो अब मेरे लिए नहीं रोता, इतना
क्या कम है।
Quasim Khety
यह खुशबू है अंजान
सी,
यह आवाज़ है बेज़ुबां सी,
इश्क है एक मीठा सा दर्द,
इसे चखना है ज़बरदस्त,
गोस्वामी राहुल:
Quasim
Khety
रुसवा है इश्क, वो
हम भी है,
जज़ा है इश्क, तो
जले हम भी है
दुनिया ने इश्क को अपना, हमें
ठुकरा दिया
जो वफ़ा था इश्क, तो
हमें क्यू रुला दिया....???
गोस्वामी राहुल:
तू अगर रोता है कासिम, तो
ये इश्क की खता नहीं,
ये सिर्फ दिल की कलाकारी है जो तुझे
पता नहीं,
दुनिया के ठुकराने पर भी, तेरा
वजूद कहा ख़तम हुआ,
अब इस खेल को अंजाम दे, खुद
को सता नहीं
Quasim Khety
सताना नहीं चाहता मै खुद को,
लेकिन ये ख़ुदा को मंज़ूर नहीं,
पता है मुझे, क्या
बीता है मुझपर,
दिल की कलाकारियों का दोष ही सही,
दुनिया क्या ठुकरायेगी मुझे,
जब छोड़ गयी मुझे तनहा वो,
उस बेवफा की बस खता थी यही,
प्यासा रहा मै और जाम पिये वो,
गोस्वामी राहुल:
तुझे सताने के लिये किसी को खुदा की
मंज़ूरी नहीं मिलती,
बेवफा न होता
तो ये प्यास अधूरी नही खिलती,
वो खुशनसीब है जिसे तन्हाई तो कम से कम
हासिल हुई,
यहाँ ऐसे भी है जिन्हें तन्हाई भी कभी
पूरी नहीं मिलती,
और अगर जाम पीना है तो तेरे लिए मैखाना
बना दूंगा,
मै पेशे से साकी नहीं, फिर
भी एक प्याला तुझे पिला दूंगा
The Ultimate winner is गोस्वामी राहुल....:)
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