आज मैं आज़ाद हूँ,
आज मैं खामोश हूँ,
महंगाई बढ़ गई इतनी,
देश में समस्याए उतनी,
न जाने गन्दगी है कितनी,
ज़िन्दगी यहाँ हरदम बिगडती,
फिर भी मैं खामोश हूँ,
कहतें हैं, मैं आज़ाद हूँ.….
कही किश्तवाड़ में हंगामा,
कही तेलंगाना की आग,
तो कही गोरखा, बोडो, कर्बी के नारे
हमारे घर में न जाने कितनी दीवारे,
फिर भी मैं खामोश हूँ,
कहतें हैं, मैं आज़ाद हूँ.….
किसीने माँ-बाप को निकाला,
किसी ने साप को घर में पाला,
सरहद पे मरता किसीका घरवाला,
तो किसीके मुह को तरसता निवाला,
लेकिन मैं खामोश हूँ,
कहते हैं, मैं आज़ाद हूँ,
क्या और बयान करू, मैं अपनी आज़ादी का,
कहतें है जब बदलू मैं, तभी मैं आज़ाद हूँ.……
खुद को बदलिए, देश को बदलिए,
लौ बनके रौशनी फैलाइये
स्वतंत्रा दिवस की ढेर सारी शुभकामनायें।
आज मैं खामोश हूँ,
महंगाई बढ़ गई इतनी,
देश में समस्याए उतनी,
न जाने गन्दगी है कितनी,
ज़िन्दगी यहाँ हरदम बिगडती,
फिर भी मैं खामोश हूँ,
कहतें हैं, मैं आज़ाद हूँ.….
कही किश्तवाड़ में हंगामा,
कही तेलंगाना की आग,
तो कही गोरखा, बोडो, कर्बी के नारे
हमारे घर में न जाने कितनी दीवारे,
फिर भी मैं खामोश हूँ,
कहतें हैं, मैं आज़ाद हूँ.….
किसीने माँ-बाप को निकाला,
किसी ने साप को घर में पाला,
सरहद पे मरता किसीका घरवाला,
तो किसीके मुह को तरसता निवाला,
लेकिन मैं खामोश हूँ,
कहते हैं, मैं आज़ाद हूँ,
क्या और बयान करू, मैं अपनी आज़ादी का,
कहतें है जब बदलू मैं, तभी मैं आज़ाद हूँ.……
खुद को बदलिए, देश को बदलिए,
लौ बनके रौशनी फैलाइये
स्वतंत्रा दिवस की ढेर सारी शुभकामनायें।
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