हम दूर हैं उनसे, वो भी जुदा है,
वो खफा है हमसे, हम भी खफा हैं,
वफ़ा किया था मैंने, ये मुझे पता है,
खता थी उसकी, ये उसे पता है,
फिर भी हम क्यों जुदा हुए,
एक दूजे से खफा हुए,
काश मिल जाये, हमारे रास्तों का जहाँ,
बस यही इन्तेहाँ है हमारे दर्मियाँ।
फिर भी हम क्यों जुदा हुए,
एक दूजे से खफा हुए,
काश मिल जाये, हमारे रास्तों का जहाँ,
बस यही इन्तेहाँ है हमारे दर्मियाँ।
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