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Tuesday, 19 March 2013

खो जाये हम, कुछ विचार ऐसे हो,
भटक न पाए हम, ये राहें ऐसी हो,
चले हम लौ लिए, और सपने में न हो,
तारों की तरह, हम अंजान न हो,

उम्मीदों के साथ ब्रह्माण्ड को पा लो,
और साथ ही साथ पृथिवी को संवार लो,
जो जल चुकी है लौ तो अब उसे बचा लो,
और प्यार के साथ, खुद को बहा दो .......

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